कोशिश कर, हल निकलेगा,
आज नही तो, कल निकलेगा…
भीम की तरह प्रतिज्ञा तो कर,
मरूस्थल से भी जल निकलेगा..
मेहनत कर, पौधो को पानी दे,
बंजर जमीन से भी फल निकलेगा…
ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे,
फौलाद का भी बल निकलेगा…
जिन्दा रख, दिल में उम्मीदों को,
समन्दर से भी अमृत निकलेगा…
कोशिशें जारी रख कुछ कर गुजरने की,
जो है आज थमा थमा सा, कल चल निकलेगा ।