कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयम से तीन प्रश्न कीजिये – मैं ये क्यों कर रहा हूँ, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल होऊंगा. और जब गहरई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जायें,तभी आगे बढें
संसार एक कड़वा वृक्ष है, इसके दो फल ही अमृत जैसे मीठे होते हैं – एक मधुर वाणी और दूसरी सज्जनों की संगति।
व्यक्ति अकेले पैदा होता है और अकेले मर जाता है;और वो अपने अच्छे और बुरे कर्मों का फल खुद ही भुगतता है; और वह अकेले ही नर्क या स्वर्ग जाता है.
एक बार काम शुरू कर लें तो असफलता का डर नहीं रखें और न ही काम को छोड़ें।
निष्ठा से काम करने वाले ही सबसे सुखी हैं।
कुबेर भी अगर आय से ज्यादा व्यय करे, तो कंगाल हो जाता है |
संसार में न कोई तुम्हारा मित्र है न शत्रु | तुम्हारा अपना विचार ही, इसके लिए उत्तरदायी है |
भगवान मूर्तियों में नहीं है.आपकी अनुभूति आपका इश्वर है.आत्मा आपका मंदिर है.
अगर सांप जेह्रीला ना भी हो तो उसे खुद को जहरीला दिखाना चाहिए.
इस बात को व्यक्त मत होने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए दृढ रहिये.
शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है.एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पता है.
जैसे ही भय आपके करीब आये , उसपर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिये.
किसी मूर्ख व्यक्ति के लिए किताबें उतनी ही उपयोगी हैं जितना कि एक अंधे व्यक्ति के लिए आईना.
जब तक आपका शरीर स्वस्थ्य और नियंत्रण में है और मृत्यु दूर है,अपनी आत्मा को बचाने कि कोशिश कीजिये; जब मृत्यु सर पर आजायेगी तब आप क्या कर पाएंगे?
कोई व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है, अपने जन्म से नहीं.
सर्प , नृप , शेर, डंक मारने वाले ततैया, छोटे बच्चे , दूसरों के कुत्तों , और एक मूर्ख: इन सातों को नीद से नहीं उठाना चाहिए.
जिस प्रकार एक सूखे पेड़ को अगर आग लगा दी जाये तो वह पूरा जंगल जला देता है, उसी प्रकार एक पापी पुत्र पुरे परिवार को बर्वाद कर देता है.
सबसे बड़ा गुरु मन्त्र है.
कभी भी अपने राज़ दूसरों को मत बताएं. ये आपको बर्वाद कर देगा.
पहले पाच सालों में अपने बच्चे को बड़े प्यार से रखिये . अगले पांच साल उन्हें डांट-डपट के रखिये. जब वह सोलह साल का हो जाये तो उसके साथ एक मित्र की तरह व्यव्हार करिए.
आपके व्यस्क बच्चे ही आपके सबसे अच्छे मित्र हैं. फूलों की सुगंध केवल वायु की दिशा में फैलती है. लेकिन एक व्यक्ति की अच्छाई हर दिशा में फैलती है.
दुनिए की सबसे बड़ी शक्ति नौजवानी और औरत की सुन्दरता है. हमें भूत के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए ; विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते हैं.
हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है.ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो. यह कड़वा सच है.
वेश्याएं निर्धनों के साथ नहीं रहतीं ,नागरिक दुर्बलों की संगती में नहीं रहते , और पक्षी उस पेड़ पर घोंसला नहीं बनाते जिसपे फल ना हों.
सांप के फन , मक्खी के मुख में और बिच्छु के डंक में ज़हर होता है; पर दुष्ट व्यक्ति तो इससे भरा होता है.
वह जो अपने परिवार से अत्यधिक जुड़ा हुआ है , उसे भय और चिंता का सामना करना पड़ता है,क्योंकि सभी दुखों कि जड़ लगाव है. इसलिए खुश रहने कि लिए लगाव छोड़ देना चाहिए.
वह जो हमारे चिंतन में रहता है वह करीब है , भले ही वास्तविकता में वह बहुत दूर ही क्यों ना हो; लेकिन जो हमारे ह्रदय में नहीं है वो करीब होते हुए भी बहुत दूर होता है